भोलेनाथ के दर्शन के लिए अमरनाथ यात्रा का रोमांचकारी रास्ता तैयार करते हुए, आइए ज़रूरी जानकारी और टिप्स पर नज़र डालें, जो सुनिश्चित करेंगे कि आपकी यात्रा सुगम और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध हो।
आप जो ले जा सकते हैं:
- भोजन: रास्ते में कई लंगर आपको भोजन और विश्राम की सुविधा देते हैं। हालांकि, कुछ बिस्कुट, टॉफी और दवाइयां साथ रखना उचित है।
- बीमा: श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड पंजीकृत यात्रियों को दुर्घटना बीमा प्रदान करता है।
- रहने की व्यवस्था: यात्रा के दौरान विभिन्न शिविरों में टेंट और झोपड़ियाँ किराए पर उपलब्ध हैं।
पंजीकरण: यात्रा शुरू होने के एक महीने पहले पंजीकरण करवाएं।
यात्रा का समय:
- मौसम अनुकूल रहने पर, कंट्रोल गेट सुबह 5 बजे से 11 बजे तक खुलता है।
- विभिन्न स्थानों के लिए प्रस्थान के समय अलग-अलग हैं, सुनिश्चित करें कि आप इनका पालन करें।
याद रखें:
- आरएफआईडी कार्ड अनिवार्य: हर पंजीकृत यात्री जम्मू/श्रीनगर में निर्दिष्ट स्थानों से अपना आरएफआईडी कार्ड ले।
- तैयार रहें: यात्रा से पहले खुद को शारीरिक रूप से फिट बनाएं। सुबह-शाम 4-5 किलोमीटर पैदल चलने की आदत डालें। गहरी सांस लेने के व्यायाम और योग से शरीर की ऑक्सीजन क्षमता बढ़ाएं।
- आवश्यक वस्त्र और जूते: ठंड हवाओं और अचानक बदलते मौसम के लिए गर्म कपड़े, विंडचेटर, रेनकोट, ट्रेकिंग जूते, टॉर्च, स्टिक, टोपी, दस्ताने, जैकेट, ऊनी मोजे और ट्राउजर (वाटरप्रूफ बेहतर) ज़रूरी हैं।
- सावधानी महिलाओं के लिए: साड़ी न पहनें, सलवार-कमीज़, पैंट-शर्ट या ट्रैक सूट बेहतर होंगे। गर्भवती महिलाएं यात्रा न करें।
- उम्र की पाबंदी: 13 साल से कम उम्र के बच्चे और 70 साल से अधिक उम्र के लोग यात्रा न करें।
- सामान सुरक्षित: अपना सामान ले जाने वाले पोर्टर/घोड़े आपके आगे-पीछे रहें, ताकि ज़रूरत पर पहुँच हो।
- जलरोधक बैग: सामान को बारिश से बचाने के लिए वाटरप्रूफ बैग रखें।
- पानी और खाद्य पदार्थ: पानी की बोतल, सूखे मेवे, भुने हुए चने, टॉफी, गुड़, चॉकलेट आदि साथ रखें।
- सूरज से बचाव: हाथों/चेहरे के लिए कोल्ड क्रीम/वैसलीन/सनस्क्रीन रखें।
- साथी की सुरक्षा: अकेले न चलें, हमेशा ग्रुप में रहें और कोशिश करें कि सब एक-दूसरे की नज़र में रहें।
- आपातकालीन जानकारी: ग्रुप के किसी सदस्य का नाम/पता/मोबाइल नंबर जेब में रखें। यात्रा परमिट और पहचान पत्र साथ रखें।
- ग्रुप की एकता: वापसी में सभी के साथ ही बेस कैंप छोड़ें। अगर कोई सदस्य गुम हो जाए तो तुरंत पुलिस की मदद लें और यात्रा शिविर में भी घोषणा करवाएं।
- पर्यावरण का सम्मान: सभी यात्रियों की सहायता करें और तीर्थयात्रा पवित्र मन से करें। यात्रा प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
- स्वच्छता बनाए रखें: धरती, जल, वायु, अग्नि और आकाश भगवान शिव के अभिन्न अंग हैं।